Sunday, 16 August 2020

दाग़

 नहीं खेल ऐ दाग़ यारों से कह दो,

कि आती है उर्दू ज़बान आते-आते.

 

तेरे वादे पर सितमगर, अभी और सब्र करते,

अगर अपनी ज़िन्दगी का हमें ऐतबार होता.

-दाग़

 

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