नहीं खेल ऐ दाग़ यारों से कह दो,
कि आती है उर्दू ज़बान आते-आते.
तेरे वादे पर सितमगर, अभी और सब्र करते,
अगर अपनी ज़िन्दगी का हमें ऐतबार होता.
-दाग़
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