'मैं क्यों चाहूँ कि मेरी अस्थियाँ भी मेरे पुरखों की अस्थियों के साथ एक सुरक्षित समाधि-स्तूप में दबी रहे? जहाँ भी कोई चला जाए, वहीँ कोई हरी-भरी पहाड़ी मिल जाएगी'
एक चीनी कहावत, जिसको अज्ञेय ने 'अरे यायावर रहेगा याद' में लिखा है.
No comments:
Post a Comment