Wednesday, 12 August 2020

यायावर

'मैं क्यों चाहूँ कि मेरी अस्थियाँ  भी मेरे पुरखों की अस्थियों के साथ एक सुरक्षित समाधि-स्तूप  में दबी रहे? जहाँ भी कोई चला जाए,  वहीँ कोई हरी-भरी पहाड़ी मिल जाएगी'
 

एक चीनी कहावत, जिसको अज्ञेय  ने 'अरे यायावर रहेगा याद' में लिखा है.

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