"आजकल भी ऐसे विद्वान मिल जाएंगे जो जानते बहुत हैं, करते कुछ भी नहीं। करने वाला इतिहास निर्माता होता है, सिर्फ सोचते रहने वाला इतिहास के भयंकर रथचक्र के नीचे पिस जाता है। इतिहास का रथ वह हाँकता है जो सोचता है और सोचे को करता भी है।"
~हजारीप्रसाद द्विवेदी
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